नई जॉब-नई कंपनी
1 क्या माहौल रहता है?-
कम्फर्ट जोन से बाहर होते हैं।
संसाधनों की पर्याप्त जानकारी नहीं होती है।
कलीग्स अजनबी होते हैं।
नई जॉब से जुड़ा कोई नेटवर्क नहीं होता।
शुरूआत में थोड़ी सहूलियत होती है, बड़ी अपेक्षा नहीं की जाती और न ही किसी गलती परर दोष दिया जाता है।
2 शुरूआत किस तरह करें-
नए जॉब को मैराथन की तरह लें, हमारे पास स्किल्स और प्रैक्टिस है। चीजों को समझने की कोशिश करें।
3 किस तरह से जुड़ा जाए-
वर्कप्लेस पर टूल्स मिल जाएं तो लोगों से मिले। सफलता के लिए फिजिकल सोर्स और कलीग्स के सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। जितने लोगों से मिल सकते हैं उनसे मिले। वर्कप्लेस पर सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। कार्यालय समय पर पहुंचना होगा और कलीग्स से अच्छे संबंध बनाने होंगे।
4 सीखा कैसे जाए-
प्रोफेशनल का दायरा बढ़ायें, वैसे ज्ञान प्राप्त करने के अवसरों में इजाफा करें, सवाल पूछने से न घबराएं। शुरूआती दिनों में लोग आशा करते हैं कि नया व्यक्ति आपको फ्री नजर आए वे खुशी-खुशी मदद करेंगे।
5 व्यवस्थित रहें-
अगर काम पूर्ण रूप से परिभाषित नहीं है तो 1-6 महीने लग सकते हैं। समय की बर्बादी रोकने और अपना रोजमर्रा रूटीन सेट करने के लिए व्यवस्थित बने। अपने टारगेट्स को रिव्यू करते रहें।
6 गति कैसे पकड़ें-
प्रभावी तरीके से प्रगति पकड़ें। अपने दिन को कंट्रोल करना सीखें। याद रखें कि आप कंपनी में नए हैं और हर चीज आपके मुताबिक नहीं होगी। शुरूआती कुछ महीनों में विफलता मिलने पर भी शांत रहें
7 खुद को सुरक्षित कैसे करें-
मुश्किल दिनों से बचने के लिए कंपनी में ऐसा व्यक्ति खोंजे, जो मुश्किल समय में आपकी बड़ी मदद के लिए तैयार रहे। हर किसी के साथ अच्छे संबंध बनायें अपने पुराने दोस्तों व कलीग्स से मिलते रहें।
